Thursday, October 15, 2015

अंबेडकरवादी भी ब्राह्मण-वाद की पतनशीलता की ही नकल करते!

#अंबेडकरवादी अपने व्यवहार में #ब्राह्मणवाद की #गतिहीनता का विरोध करते हुए भी अपने विरोधी की #पतनशीलता की नकल करते।
#मायावती को बाकी लोग अपने बीच का
'#नव_ब्राह्मण' ही मानते तभी तो वे कुर्सी पर बैठतीं और बाकी लोग नीचे बैठते।
यहाँ तक कि अपने विचारों में भी ये अंबेडकरवादी 100 फीसदी #नकलची हैं । इनकी बातों की शुरुआत और अंत किसी न किसी विदेशी , खासकर
#ईसाई_मिशनरी, के नाम से होते ।
भक्ति आंदोलन के #कबीर, #रैदास, #दादू के आसपास भी ये नहीं फटकते । क्यों? यह बात इनके
#ईसाई_वामी_इस्लामी स्पाँसरों को पसंद नहीं ।

कबीर या रैदास को आप देसी हुए बिना अपना सकते नहीं परंतु इनके विदेशी आकाओं को यह बात भायेगी नहीं।
इस अर्थ में #सेकुलर_वामी_लिबरल_इस्लामवादी #बुद्धिविलासी ब्रिगेड की तरह ज्यादातर अम्बेडकरवादी भी #अराष्ट्रीय, #देशतोड़क और #पाकिस्तानवादी हैं ।

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