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अहिंसा का कायरता की हद तक महिमामंडन करते रहे हम
ख़ून के धब्बे धुलेंगे कितनी बरसातों के बाद...
औरंगजेब क्यों है आदर्श?
तूती-ए-हिन्द अमीर खुसरो और एक औसत पढ़ुआ मुसलमान
"आरएसएस को भी तो हिन्दू जेहादी मिल रहे हैं"...
कैसा है शमशान देख ले, चल मेरा खलिहान देख ले...
हँसुआ के लगन आऽ खुरपी के बिआह... सुहागरात के समय र...
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पाकिस्तान नहीं जाने की सज़ा ? आज़म ख़ान उवाच..
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Thursday, October 8, 2015
आरएसएस को देसी चिंतन की ठेकेदारी दी वामियों ने?
क्या आपने संघ को देसी चिंतन की ठेकेदारी दे रखी है? आपकी मर्ज़ी लेकिन अगर आप संघ विरोधी हैं
तो इस लाइन पर पुनर्विचार कर सकते हैं...
मुझे तो किसी भी तरह की लेबेलिंग से अब परहेज नहीं
अगर मेरे पाठक को सुख मिले!
posted by U&Me |
7:00 AM
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