Thursday, October 8, 2015

तूती-ए-हिन्द अमीर खुसरो और एक औसत पढ़ुआ मुसलमान

#तूती_ए_हिन्द #अमीर_खुसरो #तुर्की मूल के #भारतीय
 थे जिन्हें हिन्दुस्तान पर बड़ा गर्व था,
अपने #हिन्दुस्तानी होने पर भी बड़ा गर्व था,
साथ ही #हिन्दी पर भी बड़ा गर्व था जिसमें ही वे  'मीठी बातें' करने का दावा करते हुए #अरबी को खारिज करते हैं अपनी भाषा के रूप में।
लेकिन #सूफ़ी संत #निज़ामुद्दीन_औलिया के शागिर्द अमीर खुसरो को भी #मंदिर_ध्वंस की सूचना से प्रसन्नता होती थी...
पता नहीं क्यों,
फिर भी #पढ़ुआ #मुसलमान #औलिया और #खुसरो को अपनी #विरासत का हिस्सा नहीं बनाना चाहते?

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