Saturday, October 17, 2015

बहुमत हिन्दू आज 'अल्पमत मानसिकता' के शिकार हैं?

बहुमत हिन्दू क्यों बजरंग दल बना रहे हैं?
क्यों आजाद भारत में वे  'अल्पमत मानसिकता' के शिकार हैं?
वे नरेन्द्र मोदी-संघ की ऊपज नहीं हैं बल्कि मोदी-संघ उनकी ऊपज हैं।लेकिन जबतक यह बात सेकुलर-वामी-इस्लामपरस्त राजनीति और टीवी-अखबार को समझ आएगी तबतक  सोशल मीडिया की पारदर्शी जनसंसद यानी डाएरेक्ट डेमोक्रेसी में फैसला हो चुका होगा और  जिसे लागू करने के लिए इस देश की संसद निकट भविष्य में लालायित दिखेगी।
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नीचे संलग्न फोटो और रिपोर्ट (बजरंग दल के  प्रशात पुजारी की मेंगलुरू में हत्या) पर Sivendra Nath Yogi ने आपा खोकर अपनी प्रतिक्रिया दी: मारो मुसलमानों को...
फिर क्या था सेकुलर कबीला शिवेन्द्र योगी को
धिक्कारने-धमकाने लग गया।लेकिन सवाल है कि शाँति-प्रिय हिन्दू क्यों बजरंग दल बना रहे हैं? क्यों आजाद भारत में वे  'अल्पमत मानसिकता' के शिकार हैं?
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यहाँ यह बात ध्यान देने की है कि अगर सेकुलर-वामी पार्टियाँ और मीडिया को इसी तरह मुसलमानी खून का चस्का लगा रहा और वह 'अख़लाक़' की जान को 'पुजारी' की जान से  'ज्यादा पवित्र' मानता रहा तो हमें  ऐसे हिन्दू संगठनों और नेताओं से दो-चार होने के लिए तैयार रहना चाहिए जो इस्लामी तर्ज पर कट्टर होंगे और जिनके सामने औवैसी-आजम पानी भरेंगे।
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इसलिए Sivendra Nath Yogi की पोस्ट को बीमारी का एक लक्षण मानकर उसका निदान और ईलाज किया जाए न कि बीमारी से ग्रसित व्यक्ति पर हमला किया जाए।
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कितनी बार आपने ऐसी पोस्ट के लिए किसी मुसलमान की खबर ली है?
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यही दोहरापन है बीमारी का असली कारण है जो  घृणा को और अविश्वास को जन्म दे रहा है।
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सुश्री शोभा डे कहती हैं: हाँ, मैंने गोमाँस खाया है।आओ मुझे मारो।
क्या वे कह सकती हैं: "मैं जामा मस्जिद के सामने मोहम्मद साहब के कार्टून बनाऊँगी , जो करना है कर लो।"?
नहीं कह सकती न !
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यही दोहरापन है जो सारी समस्यायों की जड़ है जो  'हिन्दू पीड़ित' और 'मुस्लिम पीड़ित' में फर्क करती है और  हिन्दुस्तानी मुसलमान गायक (ए आर रहमान) और पाकिस्तानी  मुसलमान गायक (गुलाम अली) में फर्क करती है।
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आपका और हमारा यही दोहरापन योगी जी के गुस्सा का कारण हो सकता है।
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आज के पहले कितने हिन्दुओं को आपने ऐसा खुलकर कहते हुए सुना है?
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तो इसे सायरन समझ संभल जाएँ हमसब क्योंकि एक की खुली घोषणा के पीछे करोडों की मौन स्वीकृति हुई तो ये सेकुलर-वामी-सामी-इस्लामी पाखंड तिनके की तरह उड़ जाएगा और हम सब अवाक  देखते रह जाएँगे।



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