नोटबंदी के बाद जिनगी झंड बा
"नोटबंदी के बाद जिनगी झंड बा
न जाने काहे तो भी घमंड बा।"
*
हे भगवान, क्या हो गया है इस देश के गरीब-गुरबा को जो बड़े-बाबू लोगों को दुःखी देखकर फूले नहीं समा रहे ? समझ नहीं आता, मोदी ने कौन सा मंतर पढ़ा दिया है सबको!
■...
ख़ुदा: कोई वरदान माँग ले बन्दे, एकदम फटाफट।
बन्दा: 500-1000 के नोट बंद करा दे, ऐ मेरे परवरदिगार!
ख़ुदा: इससे तो तेरे हज़ारों रुपये ठस होकर रह जाएँगे।
बन्दा: मेरे को चलेगा।
ख़ुदा: क्यों?
बंदा: पड़ोसी के लाखों बर्बाद होंगे और मेरे मकान मालिक के तो करोड़ों।
30.11.16
न जाने काहे तो भी घमंड बा।"
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हे भगवान, क्या हो गया है इस देश के गरीब-गुरबा को जो बड़े-बाबू लोगों को दुःखी देखकर फूले नहीं समा रहे ? समझ नहीं आता, मोदी ने कौन सा मंतर पढ़ा दिया है सबको!
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ख़ुदा: कोई वरदान माँग ले बन्दे, एकदम फटाफट।
बन्दा: 500-1000 के नोट बंद करा दे, ऐ मेरे परवरदिगार!
ख़ुदा: इससे तो तेरे हज़ारों रुपये ठस होकर रह जाएँगे।
बन्दा: मेरे को चलेगा।
ख़ुदा: क्यों?
बंदा: पड़ोसी के लाखों बर्बाद होंगे और मेरे मकान मालिक के तो करोड़ों।
30.11.16
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