चीनी माल का मन से बहिष्कार इतना मुश्किल है क्या?
चीनी माल का मन से बहिष्कार इतना मुश्किल है क्या?
18 वीं सदी में मैनचेस्टर के कपड़ा मजदूरों ने भारतीय सस्ते और अच्छे कपड़ों की होली जलायी थी।तब भारत की आय दुनिया की आय का एकचौथाई थी।ब्रिटेन एक ग़रीब देश था।
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20 वीं सदी में गाँधी जी के नेतृत्व में भारत में विदेशी कपड़ों की होली जलायी गई थी। तब भारत ग़ुलाम था। इस कारण ग़रीब भी था।
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21 वीं सदी में आतंकवाद की फैक्ट्री पाकिस्तान के आका चीन के उत्पादों की होली कौन और कब जलायेगा?
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गाँधी और शास्त्री जयंती पर हम भारत के लोग चीनी सामानों का बहिष्कार कर अपनी सच्ची श्रद्धांजलि देने से भी रहे?
#BoycottChineseGoods
2।10
18 वीं सदी में मैनचेस्टर के कपड़ा मजदूरों ने भारतीय सस्ते और अच्छे कपड़ों की होली जलायी थी।तब भारत की आय दुनिया की आय का एकचौथाई थी।ब्रिटेन एक ग़रीब देश था।
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20 वीं सदी में गाँधी जी के नेतृत्व में भारत में विदेशी कपड़ों की होली जलायी गई थी। तब भारत ग़ुलाम था। इस कारण ग़रीब भी था।
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21 वीं सदी में आतंकवाद की फैक्ट्री पाकिस्तान के आका चीन के उत्पादों की होली कौन और कब जलायेगा?
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गाँधी और शास्त्री जयंती पर हम भारत के लोग चीनी सामानों का बहिष्कार कर अपनी सच्ची श्रद्धांजलि देने से भी रहे?
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