भारतीय सेकुलरवाद इस्लामपरस्त भी है
भारतीय सेकुलरवाद इस्लामपरस्त भी है...
"2012 में सेक्युलर #कांग्रेस सरकार ने #जयपुर में सलमान #रश्दी को बोलने की अनुमति नहीं दी, क्योंकि सेक्युलरवाद का इस्लामियों के साथ निकट का रिश्ता है।
"ममता बनर्जी तसलीमा नसरीन का समर्थन नहीं करती हैं, क्योंकि वे अपने राज्य में इस्लामियों के साथ खुले गठबंधन में हैं।
"2013 में #केजरीवाल ने #मुस्लिम मतों के लिए इस्लामी धार्मिक नेता #तौकीर_रजा_खान से भेंट करने के लिए बरेली की यात्रा की।
"1986 में #शाहबानो मुकदमे में #राजीव_गांधी के सेक्युलरवाद ने इस्लामी धार्मिक नेताओं के सामने आत्मसमर्पण कर दिया।
भारतीय सेक्युलरवाद इस्लामियों के समर्थन के बिना अधूरा है।
"एक अक्टूबर को सेक्युलर लेखिका #शोभा_डे ने ट्वीट किया: 'मैंने #गोमांस खाया। आओ और मुझे मार डालो।'
"सवाल है कि क्या वे गेट वे ऑफ इंडिया पर #मुहम्मद_साहब का #कार्टून भी बनाएंगी?
"चार अक्टूबर को एक सेक्युलर पत्रकार ने भारतीयों से ट्विटर पर इस हैशटैग के साथ ट्वीट करने का अनुरोध किया कि
'#मैं_गोमांस_खाता हूं।'
"सवाल है कि क्या सेक्युलर पत्रकार #जामा_मस्जिद के सामने कार्टून बनाएंगे?
"गुस्सा गोमांस या कार्टून को लेकर नहीं है। भारतीय युवक सेक्युलरवाद के #दोहरे_मापदंड को लेकर चिंतित हैं।
"अगर आप अपने किचेन से कार्टून बनाने को इच्छुक हैं तो वे आपके गोमांस खाने के अधिकार का समर्थन करेंगे।
"एक दूरसंचार कंपनी के साथ मिलकर एक सेक्युलर टीवी चैनल ने बाघ बचाओ अभियान शुरू किया। आखिर गाय बचाओ अभियान क्यों नहीं?
"भारत की वास्तविकता यह है: आमिर खान ने #पीके फिल्म बनाई जिसमें #बाथरूम_में_बंद_भगवान_शिव_धमकाए जाते हैं, लेकिन वे #मुहम्मद_साहब_पर_फिल्म नहीं बना सकते।
"हमारे #राष्ट्रीय_विमर्श में यही #असंतुलन है। इसे पत्रकार भी प्रोत्साहित कर रहे हैं। भारत तमाम समाचार कक्षों से #फासीवादी उभार को झेल रहा है।"
[Tufail Ahmad के लेख का अंश।लेखक मिडिल ईस्ट मीडिया रिसर्च इंस्टीट्यूट, वाशिंगटन से संबद्ध हैं। एक साल पहले इसी दिन की पोस्ट की कॉपी।]
15.10.16
"2012 में सेक्युलर #कांग्रेस सरकार ने #जयपुर में सलमान #रश्दी को बोलने की अनुमति नहीं दी, क्योंकि सेक्युलरवाद का इस्लामियों के साथ निकट का रिश्ता है।
"ममता बनर्जी तसलीमा नसरीन का समर्थन नहीं करती हैं, क्योंकि वे अपने राज्य में इस्लामियों के साथ खुले गठबंधन में हैं।
"2013 में #केजरीवाल ने #मुस्लिम मतों के लिए इस्लामी धार्मिक नेता #तौकीर_रजा_खान से भेंट करने के लिए बरेली की यात्रा की।
"1986 में #शाहबानो मुकदमे में #राजीव_गांधी के सेक्युलरवाद ने इस्लामी धार्मिक नेताओं के सामने आत्मसमर्पण कर दिया।
भारतीय सेक्युलरवाद इस्लामियों के समर्थन के बिना अधूरा है।
"एक अक्टूबर को सेक्युलर लेखिका #शोभा_डे ने ट्वीट किया: 'मैंने #गोमांस खाया। आओ और मुझे मार डालो।'
"सवाल है कि क्या वे गेट वे ऑफ इंडिया पर #मुहम्मद_साहब का #कार्टून भी बनाएंगी?
"चार अक्टूबर को एक सेक्युलर पत्रकार ने भारतीयों से ट्विटर पर इस हैशटैग के साथ ट्वीट करने का अनुरोध किया कि
'#मैं_गोमांस_खाता हूं।'
"सवाल है कि क्या सेक्युलर पत्रकार #जामा_मस्जिद के सामने कार्टून बनाएंगे?
"गुस्सा गोमांस या कार्टून को लेकर नहीं है। भारतीय युवक सेक्युलरवाद के #दोहरे_मापदंड को लेकर चिंतित हैं।
"अगर आप अपने किचेन से कार्टून बनाने को इच्छुक हैं तो वे आपके गोमांस खाने के अधिकार का समर्थन करेंगे।
"एक दूरसंचार कंपनी के साथ मिलकर एक सेक्युलर टीवी चैनल ने बाघ बचाओ अभियान शुरू किया। आखिर गाय बचाओ अभियान क्यों नहीं?
"भारत की वास्तविकता यह है: आमिर खान ने #पीके फिल्म बनाई जिसमें #बाथरूम_में_बंद_भगवान_शिव_धमकाए जाते हैं, लेकिन वे #मुहम्मद_साहब_पर_फिल्म नहीं बना सकते।
"हमारे #राष्ट्रीय_विमर्श में यही #असंतुलन है। इसे पत्रकार भी प्रोत्साहित कर रहे हैं। भारत तमाम समाचार कक्षों से #फासीवादी उभार को झेल रहा है।"
[Tufail Ahmad के लेख का अंश।लेखक मिडिल ईस्ट मीडिया रिसर्च इंस्टीट्यूट, वाशिंगटन से संबद्ध हैं। एक साल पहले इसी दिन की पोस्ट की कॉपी।]
15.10.16
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