Wednesday, December 7, 2016

नोटबंदी विरोधी vs रिक्शावाला

नोटबंदी विरोधी:
मुझे क्या, शाम को पैदल ऑफिस से मेट्रो और सुबह घर से मेट्रो जाता हूँ, पहले से ज्यादा फिट हो गया हूँ और ऊपर से पैसे की भी बचत। मरा तो बेचारा रिक्शावाला।
रिक्शावाला:
पहले तो कमाई आधी से भी कम हो गई थी, अब थोड़ी ठीक हुई है लेकिन ये परेशानी हम झेल लेंगे। कालाधन खतम करना खाली मोदिये का काम थोड़े न है!
30.11.16

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