Wednesday, May 27, 2020

नेहरू की बरसी पर अक्का-बक्का की श्रद्धाँजलि

अक्का: पंडित नेहरू का सबसे बड़ा योगदान क्या है?
बक्का: उन्होंने एक बहुत बड़े सिद्धान्त को जनजन तक पहुँचा दिया।
अक्का: कौन सा सिद्धान्त?
बक्का: चींटियों की मेहनत पर टिड्डों का हक़।
अक्का: मतलब 'बने रहो एड़ा खाते रहो पेड़ा'?
बक्का: सही पकड़े हो। चाहो तो हरामख़ोरी भी कह सकते हो।
अक्का: लेकिन इसे लखनवी अंदाज में क्या कहेंगे?
बक्का: माले मुफ़्त दिले बेरहम।
अक्का: लेकिन इस सिद्धान्त की जड़ तो इस्लाम और साम्यवाद में है?
बक्का: सो तो है।
अक्का: फिर इसमें पंडित नेहरू का क्या रोल?
बक्का: उन्होंने हरामख़ोरी को समाजवाद के बुर्क़ा में पेश कर दिया।
अक्का: यह तो बड़ा मौलिक काम है।
बक्का: निस्संदेह। तभी तो उनके बारे में कहा जाता है कि 'वे तन से भारतीय पर मन से यूरोपीय थे'।
©चन्द्रकान्त प्रसाद सिंह
(27.5.2018) FB
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